फिर सारे पापों को, धोने के लिए गंगा नहा आते हैं। फिर सारे पापों को, धोने के लिए गंगा नहा आते हैं।
सत्य के बाग में आज भी बीरानियत है, यहाँ कल भी ठूंठ ही ठूंठ था। सत्य के बाग में आज भी बीरानियत है, यहाँ कल भी ठूंठ ही ठूंठ था।
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
पाप करके इस जहाँ में तुम नहीं फूलो फलोंगे। पाप करके इस जहाँ में तुम नहीं फूलो फलोंगे।
जिसमें गति थी निर्द्वन्दता थी और साथ था वक्त जिसमें मौज़ थी मस्ती थी और थी बेफिक्री.... जिसमें गति थी निर्द्वन्दता थी और साथ था वक्त जिसमें मौज़ थी मस्ती थी और थी बेफिक...
इसकी हालत क्या कर दी है अब तो यह मैली दिखती है। इसकी हालत क्या कर दी है अब तो यह मैली दिखती है।